खफा खुदा,रूठे राम ना अब राम रहे नहीं रहे रहीम, अयोध्या की स्वर्ग भूमि पर..मर्यादा और नैतिकता पर हो रही है राजनीती हावी ! अयोध्या की स्वर्ग भूमि पर..जब तुलशिदास ने लिखी "रामचरती मानस" और बाबर ने बनायी बाबरी मजीद..जब ६ दिशम्बर को राम के भक्तो ने तोड़ दी वो मर्यादा...और उस पर हावी हो गया अडवानी का राजनीती रूपी रथ ...पता नहीं कहाँ गया खुदा और कहाँ गये राम ...रा"ही"म ..हिन्दू और मुश्लिम मै ही है राम और रहीम - !!!! १८५७ मै ये अंग्रेजो की लगायी आग ..अब घर वाले ही नहीं बजा पा रहे और ये राजनेता उस आग मै घी डालने का काम कर रहे...तब तो आमिर अली और हिन्दू पंडित को लगा दी फासी ...तब क्यों नहीं आया खुदा या राम!! खफा हमसे है खुदा और रूठे है राम हम सब एक है???